shiv chalisa in hindi No Further a Mystery

कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥

पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥

शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥

सांचों थारो नाम हैं सांचों दरबार हैं - भजन

त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥

दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥

प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला। जरत सुरासुर भए विहाला॥

कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥

प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥

त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥

जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्तवास शिवपुर में पावे॥

पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे॥

सांचों थारो नाम हैं सांचों दरबार हैं - भजन

जय जय तुलसी भगवती सत्यवती सुखदानी। नमो नमो हरि प्रेयसी श्री वृन्दा गुन more info खानी॥

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